मुंगेरीलाल जी को अपनी दुर्गति और टमाटर की सद्गति देख ख़ुद पर बड़ा रहम, अफ़सोस, ग़ुस्सा और भी जाने क्या क्या आ रहा है। एक टमाटर की औक़ात आसमान छुए, अरे आसमान तो उन्होंने ख़ुद भी छुआ है सपने में उड़ कर, पर आँख खुलते ही टमाटर को सब गा रहे हैं। टीवी हो व्हाट्सअप हो इंस्टाग्राम हो या पान की दुकान, या हो साहित्यिक चर्चा, लब्बोलुआब ये हुआ की कुछ दिनों से बेरोज़गारी, देश की समस्यायें और भी मुद्दा गये भैसिया संग पानी लेने। मने टमाटर ना मिला तो भुखमरी आएगी, धरती हिलेगी लोग बेरोज़गार हो जाएँगे, बूढ़े वृद्धा आश्रम टमाटर की वजह से ही भेजे जाएँगे। क्यूँ की शायद दाँत ना होने से सिर्फ़ बिचारे टमाटर ही खा पाते हैं, संविधान की महत्ता ख़त्म हो जाएगी। क्या टमाटर ज़िंदगी है ? हजारों साल पहले ये लाल हुश्न टमाटर दक्षिणी अमेरिका से आया आज हमारे देश की बपौती बन बैठा। सपने भी टमाटर के, अरे पिज्जा बर्गर में एक ही टुकड़ा पड़ता है। ख़ाना तो टमाटर है नहीं, पिज्जा नूडल्स, अरे भाई मोममोम यानी मोमो ही ख़ाना है। जिसमें हज़ारों रुपये फूंक रहे हो। जब पिज्जा बर्गर के दाम बढ़ते हैं, तब कौन कौन सपने में जाग जाग रोईस है, अब पहले ई बात समझाइए, हमको।
यही बात कल मुंगेरी लाल जी की घरवाली समझा रही थी, नही समझना था सो नाही समझे। वो क्या है उनकी पत्नी ढहरी पुरातनपंथी वाली, और मुंगेरी जी ठहरे आज कल के। तो घरआली जो देश को मानती, संस्कार संस्कार गाती रहती है वो क्या जाने आज की पीढ़ी का दर्द। अजी कलेजा चाहिए, गलती कर सीना चौड़ा करने के लिए। खाएँगे पिज्जा रोयेंगे टमाटर को, सपने पाश्चात्य पीढ़ी के चाहते रिश्तों में वफ़ादारी, खाएँगे फ़ास्ट जैसा फ़ूड हेल्थ चाहिए चना मट्ठा वाली। तो भाई अब कोई अगर मुंगेरी भय्या को समझा पाए तो हमसे संपर्क करे। अनशन पर बैठे हैं। कहते है, टमाटर के दाम कम नही हुए तो नींव हिला देंगे, अब हमने अपने घर की नींव हिलाने को मना किया तो अपने घर में बैठकर उसकी ही नींव हिला रहे है कालिदास जी के अनुयायी हैं शायद। परिणाम नहीं पता उनको, तनिक भोले हैं। महतारी मना किए थी, इडियट बॉक्स ना देखें भेजा फिर जाएगा, नहीं माने। अब टमाटर की फ़ोटू सीने से चिपकाये हैं। काम धाम छोड़ कहते हैं, यही सबसे बड़ा काम है। मंत्री की कुर्सी मिल जाएगी इस मुद्दे से। विपक्षियों को भी भड़का सकते हैं।
एक पते की बात और है उनके पीछे खेत में चार पेड़ टमाटर से लदा खड़ा मुस्करा रहा है। छुपाये हैं, ताकि छापा ना पड़ जाए।
जल्दी से जल्दी उपाय खोजिये मुंगेरी लाल की हालत नाज़ुक है जी।