वरिष्ठ रंगकर्मी और लेखक आलोक शुक्ला ने ओडिशा के राउरकेला में 25 युवाओं को 7 से 9 अगस्त तक नाट्य लेखन की बारीकियां सिखाईं, उनके साथ वरिष्ठ रंगकर्मी अभिराम दामोदर भडकामकर और आसिफ हैदर अली खान ने भी सभी को नाट्य लेखन के बारे में बताया। इस दौरान युवाओं को देश दुनिया के रंग लेखन, उसके तौर तरीकों को बताते हुए, नाट्य लेखन के तत्वों के बारे में जानकारी दी गई जिसके आधार पर युवाओं ने करीब एक दर्जन छोटे नाटकों का लेखन किया जिसमें इन तीन दिनों में ही पांच छोटे नाटक पूर्ण रूप से लिख लिए गए।
ये प्ले राइट वर्कशॉप संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राउरकेला में त्रि दिवसीय कला उत्सव के दौरान आयोजित की गई थी।
इस दौरान संगीत नाटक अकादमी ने आलोक शुक्ला को उनके योगदान के लिए छाऊ मुखौटा और पटका देकर सम्मानित किया।
गौरतलब है कि मूलतः रीवा मध्य प्रदेश के वरिष्ठ रंगकर्मी आलोक शुक्ला पिछ्ले तीन साल से GBS पैरालिसिस से जूझते हुए नाट्य गतिविधियों में अपनी सक्रियता को बरकरार रखे हुए है। इसी दौरान उनके सात नाटकों का संग्रह ख्वाबों के सात रंग, रंग संस्मरण एक रंगकर्मी की यात्रा, प्रकाशित हो चुके हैं और जल्द ही एक और नाट्य संग्रह चतुरंग प्रकाशित होने वाला है।