Sunday, September 8, 2024
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‘भारतीय भाषाओं के साहित्य में जीवन मूल्य’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

दिनांक 7 नवंबर 2023 को हिंदू कन्या महाविद्यालय धारीवाल में, केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के संयुक्त तत्वाधान में, प्रधान श्री केवल कृष्ण शर्मा, सचिव श्री रमेश कोहली, प्राचार्य श्रीमती सुमन नंदा एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ पवन कुमार शर्मा के सौजन्य में “भारतीय भाषाओं के साहित्य में जीवन मूल्य” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ सुधा जितेंद्र डीन भाषा संकाय एवं निर्देशक यूजीसी एचआर डी सी गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर ने की।

उन्होंने अपने अध्यक्ष वक्तव्य में संदेश देते हुए कहा कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर अपने मूल्यों को पीछे छोड़ रहे हैं। प्रोफेसर मलखान सिंह हिंदी विभाग जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने अपने बीज वक्तव्य में जीवन मूल्य पर विस्तार से चर्चा की।

 

कार्यक्रम दो तकनीकी सत्रों में था।
प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ अशोक अग्रवाल हिंदी विभाग अध्यक्ष पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ ने की इस सत्र के प्रमुख अतिथि वक्ता डॉ मलकीत सिंह हिंदी विभाग अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला ने किया।

दूसरे तकनीकी सत्र के प्रमुख अतिथि वक्ता डॉ अशोक कुमार हिंदी विभाग हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला अर्थात डॉ मुक्ति शर्मा लेखिका श्रीनगर विशिष्ट अतिथि अथवा डॉ परमजीत सिंह कलसी जिला भाषा अधिकारी गुरदासपुर ने किया।
डॉ मुक्ति शर्मा ने अपने वक्तव्य में बताया कि हमें अपने धार्मिक ग्रंथो से सीख लेनी चाहिए।
शोध पत्र वाचकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की अंतिम सत्र में समस्त अतिथि विद्वानों को सम्मानित समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समिति सदस्य श्रीमती रजनीश गुप्त श्री नारायण दास श्री राजन गोयल श्रीमती ज्योति महाजन एवं स्टाफ उपस्थित था मंच संचालन डॉ पवन शर्मा ने किया।
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5 टिप्पणी

  1. संगोष्ठी के सफल आयोजन की हार्दिक शुभकामनाएं ..
    डॉ. मुक्ति शर्मा मैम एक प्रसिद्ध लेखिका हैं, उनको अनेक संगोष्ठियों में सुनने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ है.. मैम का वक्तव्य हमेशा ही स्पष्ट और प्रेरणादायक होता है। जैसा आज के वक्तव्य में मैम ने कहा कि हमें हमेशा ही अपने धार्मिक ग्रंथों से शिक्षा लेनी चाहिए, धार्मिक ग्रंथों के प्रति वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित करने की यही भावना उनके लेखन में भी देखने को मिलती है। हम विद्यार्थियों को अपने सुविचारों की निधि प्रदान करती रहिएगा मैम.. हार्दिक शुभकामनाएं

  2. संगोष्ठी के सफल आयोजन की हार्दिक शुभकामनाएं डॉ. मुक्ति शर्मा मैम एक प्रसिद्ध लेखिका हैं, उनको अनेक संगोष्ठियों में सुनने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ है .. मैम का वक्तव्य हमेशा ही स्पष्ट और प्रेरणादायक होता है। जैसा आज के वक्तव्य में मैम ने कहा कि हमें हमेशा ही अपने धार्मिक ग्रंथों से शिक्षा लेनी चाहिए, धार्मिक ग्रंथों के प्रति वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित करने की यही भावना उनके लेखन में भी देखने को मिलती है। हम विद्यार्थियों को अपने सुविचारों की निधि प्रदान करती रहिएगा मैम.. हार्दिक शुभकामनाएं

  3. सार्थक-संवाद आयोजन। समस्त आयोजक बधाई के पात्र है। समसामयिक विषय पर सफल सेमिनार का आयोजन। मुक्ति जी के विचार हमेशा एक नई सोच और दिशा प्रदान करते है। आत्मीय बधाई। डॉ. रीता जैन। प्राचार्य। चोइथराम कॉलेज। इंदौर, मध्यप्रदेश।

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