Friday, October 18, 2024
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शोभा रानी गोयल की कहानी – पगली माँ

कॉलोनी के पार्क में कैटरिंग वालों की स्टॉल व टेंट वालों की कनात लग चुकी थी। पार्क में चहल-पहल ज्यादा थी। बच्चे और पुरुष आज के दिन को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोडना चाहते थे।
मौका था मातृत्व दिवस मनाने का। नियत समय पर सभी पर पहुंच चुके थे। मॉं बनना हर नारी के लिए पूर्ण होना था। वहां मौजूद हर स्त्री ख़ुद को गौरवशाली महसूस कर रही थी। वे सब आज के दिन खूब बन संवर रही थी। आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह भी था कि, आज कॉलोनी की किसी एक मॉं को सर्वश्रेष्ठ मॉं के पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। कौन होगी वह भाग्यशाली माँ? इस बात को आयोजकों ने गुप्त रखा था। हर कोई अपने-अपने तरीके के से अनुमान लगा रहे थे।
शायद वह दीपाकंर जी की मॉं को सम्मानित करे एक तो वह बुजुर्ग है; दूसरा पति  के गुजर जाने के बाद उन्होंने अकेले ही दीपाकंर की परविश बड़ी विकट परिस्थिति में की है।
वहीं दूसरी महिला सोच रही थी। वे लोग अदिती को शायद यह पुरस्कार मिले  तो किसी एक का अनुमान था।
वह कॉलोनी के हर बच्चे को स्नेह देती है।
कुछ एक स्त्रियां खुद को इस पुरस्कार का हकदार समझ रही थी उनका मानना था कि, हमने मॉं के दायित्व निभाने में कोई कसर नहींं छोड़ी है तो क्यों न यह सम्मान उन्हें दिया जाये।
सबके अपने तर्क थे मगर सभी जानना चाहते  थे। आखिर यह पुरस्कार मिलेगा किसको?
नियत समय पर कार्यक्रम शुरू हुआ। पंडाल खचाखच भरा हुआ था सब दिल थामे बैठे थे। जिज्ञासा चरम पर थी। नियत समय पर आयोजकों ने घोषणा की जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। सर्वश्रेष्ठ मॉं का पुरस्कार उगन्ती बाई को दिया जाता है। हॉल में सन्नाटा पसर गया सब के दिमाग में एक नाम कुलबुलाया-उगन्ती बाई, जी हाँ आप सबकी पगलिया। उगन्ती इस कॉलोनी के खाली पड़े प्लाट में रहती थी। बरसों पहले वह पागलखाने से भाग आयी थी। शुरुआत में सब उससे डरते थे मगर उसने किसी को नुकसान नहींं पहुंचाया। धीरे-धीरे वह इस कालोनी का हिस्सा बन गई। सब उसे पगलिया कहते थे। कभी किसी के घर से खाना मिल जाता तो कभी किसी घर से चाय आ जाती। कभी-कभी वार-त्योहार पर कोई उसे कपड़े दे देता बस पगलिया का काम चल जाता। अक्सर वह बड़बड़ाया करती- तेनु ढूंढ ही लूंगी। पगलिया ऐसा कुछ खास नहींं थी कि वो लोगो को याद रहे। लेकिन आज एकाएक सबका ध्यान पगलिया पर चला गया। कई लोगों ने आज ही पहली बार उसका असली नाम “उगन्ती बाई” जाना।
सबके अचरज की बात थी कि आयोजकों को पगलिया में ऐसा क्या दिखाई दिया की उन्हें सर्वश्रेष्ठ माँ घोषित कर दिया।
मंच पर आसीन उद्घोषकर्ता ने माइक संभाला और बोलना शुरू किया। आप सबके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि पगलिया यानी उगन्ती बाई को यह पुरस्कार क्यों?
आज सही मायने में वह इस पुरस्कार की हकदार है। बरसों से वे अपनी कॉलोनी में लावारिश की तरह रहती है। हम सबने कभी यह जानने की कोशिश नहींं की वह कहां से आई है। कभी-कभार उसकी मदद करके हमने उस पर अहसान ही जताया है। सच यह है की हम भले ही उसे अपना न माने मगर वो इस कॉलोनी को अपना परिवार मानती आई है। वह हमारे सुख-दुःख में प्रत्यक्ष या  अप्रत्यक्ष  रूप से साथ रही है। आपने कभी गौर किया कि उसके आने के बाद हमारी कॉलोनी सुरक्षित है। आज तक किसी के घर से एक सुई भी चोरी नहींं हुई। एक डेढ़ साल पहले भटनागर साहब के मकान के ताले तोड़ने की किसी ने कोशिश की तो पगलिया ने उन सबको ऐसा सबक सिखाया, आज तक किसी ने पलट कर नहींं देखा। जब छोटे बच्चो के पीछे कुत्ते पड़ जाते थे तब पगलिया ही उन्हें बचाती थी।
अब कल के हादसे का आप सभी को पता होगा। अग्रवाल साहब के बच्चे को अपहरण करने की कोशिश की गयी थी। स्कूल से आते समय ऑटो से जैसे आदित्य उतरा, जाने कहाँ से एक वैन आई और आदित्य को घसीट कर बैठा दिया। ऑटो वाला भी हक्का-बक्का रह गया। तभी पगलिया अपनी जान की परवाह न करते हुए सीधे वैन के सामने आ गयी। अपहरणकर्ताओं को मजबूरन वैन रोकनी पड़ी। इसके बाद हाथापाई कर उसने आदित्य को अपहरणकर्ताओं की चुंगुल से छुड़ा लिया। इस दौरान उसके सिर पर गहरी चोट आई मगर वह आदित्य को बचाने  में कामयाब रही। मै उसे अस्पताल लेकर गया पट्टी बंधवाई। पगलिया ने बताया की उसका भी एक बेटा था उसका पढ़ने लिखने में मन नहींं लगता था। एक दिन उससे कहाँ-सुनी हो गयी तो वह घर से कहीं चला गया, फिर कभी मिला नहीं। उसी के गम में उगन्ती पागल हो गयी। पर इस पागलपन में उसने किसी को कोई नुकसान नहींं पहुंचाया। वह सबके लिए कुछ न कुछ करती रही। वह यहाँ की न होकर भी यहाँ से अपनेपन का रिश्ता निभाती रही। स्नेह वही होता है जो निस्वार्थ होता है।  जो इस पगली में है। इसकी ममता में है। अब आप लोग ही बतायें क्या यह पुरस्कार उसे नहींं दिया जाना चाहिए।  
 वह हमारे मोहल्ले की माँ है। ये पुरस्कार उसी का है कहते हुए तालियों की आवाज गूंज उठी।
शोभा रानी गोयल
265/24 सेक्टर-26
प्रताप नगर सांगानेर
जयपुर 302033
मोबाइल-9571220372
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