बच्चों की पत्रिका ‘बालप्रहरी/बालसाहित्य संस्थान’ तथा ‘भारत ज्ञान विज्ञान समिति’ द्वारा राजा आनंदसिंह राजकीय बालिका इंटर कालेज अल्मोड़ा में, योग दिवस 21 जून से ‘आओ योग करें’ विषय पर समर कैंप के रूप में, पाँच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।इसका आरम्भ ‘योग-ज्ञान का दिया जलाने’, समूह गीत से हुई।कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए भारत ज्ञान विज्ञान समिति अल्मोड़ा के अध्यक्ष प्रो. विजया ढौढियाल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि, “योग का संबंध हमारे स्वास्थ्य से है।” बच्चों को योग का महत्व बताते हुए कहा कि, “योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही लाभदायक नहीं है अपितु यह कहीं न कहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।”
कार्यशाला में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्तराखंड शिक्षा विभाग के उप निदेशक तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर के, “प्राचार्य आकाश सारस्वत” ने कहा कि, “योग केवल एक दिन करने की प्रकिया नहीं है। हमें प्रतिदिन योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। योग से हमारे शरीर की मांसपेशिया सक्रिय रहती हैं वहीं यह हमें रचनात्मक कार्यो को करने व हमारे मस्तिष्क को सक्रिय करने में भी सहायक है।” सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त तथा वरिष्ठ बाल-साहित्यकार, श्याम पलट पांडेय ने कहा कि, “भारत आज योग गुरू कहलाने में गर्व महसूस करता है। भारत की पहल पर योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्याता मिली है। समूचे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है।”
‘आओ योग करें’ विषय पर आयोजित आज की कार्यशाला में मंत्रिता शर्मा(ग्वालियर), अहम कुमार (बड़वानी) , नीलाक्षी कलौनी (चंपावत) ,ओजस्वी(अमेठी), वृंदा (हरिद्वार) ,निविता (राजस्थान), हर्षित पाठक(बागेश्वर) गौरांगी (मुजफ्फरनगर) ,हिमांशी, संजना सहित 15 बच्चों ने योग के अलग-अलग आसन करके दिखाये। कार्यशाला का संचालन विवेकानंद इंटर कालेज अल्मोड़ा की कक्षा 7 की छात्रा, मनीषा रौतेला ने किया। कार्यशाला के प्रारंभ में बालप्रहरी के संपादक, बाल लेखक तथा कार्यशाला के मुख्य संयोजक, उदय किरौला ने बताया कि, बालप्रहरी पत्रिका में भी समय-समय पर योग से संबंधित सामग्री दी जाती रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बालप्रहरी द्वारा अभी तक 299 पांच दिवसीय ऑफलाइन कार्यशालाएं देश के 16 राज्यों में जन सहयोग से की जा चुकी है। इन कार्यशालाओं में योग का सत्र रखा जाता रहा है।
कार्यशाला की गतिविधियों की सूचना देते हुए उन्होंने ने कहा कि इस कार्यशाला में बच्चों को योग के अतिरिक्त अभिव्यक्ति का अवसर देने तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए ‘बाल लेखन’ को भी प्रोत्साहित किया जायेगा; जिसके अन्तर्गत बच्चे, पर्यावरण आधारित गीत नाटिका तथा समूह गीत प्रस्तुत करेंगे।
बच्चों को कविता लेखन की बारीकियां बताई जायेंगी, बच्चे दिए हुए शब्दों के आधार पर कविताएं तैयार करेंगे। कार्यशाला में, प्रत्येक दिन बच्चे ही अध्यक्षताकरेंगे। बाल-कवि सम्मेलन में, बच्चे अपनी स्वरचित कविताएं पढ़ेंगे साथ ही संचालन बच्चेही करेंगे।
सत्र के दौरान प्रत्येक बच्चा 15 पन्नों की हस्तलिखित पत्रिका भी तैयार करेगा; जिसमें बच्चे संक्षिप्त रूप में मेरा परिचय, मेरा गांव/शहर और विद्यालय, योग की विशेषता, स्वरचित कविता लिखने के साथ अल्मोड़ा की बाल मिठाई आदि विषयों पर लेखन करेंगे। इन हस्तलिखित पत्रिकाओं की प्रदर्शनी, कार्यशाला के समापन समारोह में, लगाई जाएगी।
कार्यशाला में राजकीय बालिका इंटर कालेज अल्मोड़ा, महर्षि विद्या मंदिर, स्प्रिंग डेल्स स्कूल, विवेकानंद इंटर कालेज, मिनर्वा रेज चिल्ड्रन एकैडमी, बीयरशिवा स्कूल अल्मोड़ा के साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर ताकुला, महर्षि विद्या मंदिर बाड़ेछीना आदि विद्यालयों के बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला प्रातः 7.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलती है। जीजीआईसी अल्मोड़ा की एन सी सी आफीसर उमा तिवारी, उदय किरौला, नीरज पंत, प्रमोद तिवारी, भगवती गुसाई, दिनेश चंद्र पांडेय, पूरन चंद्र पांडेय, भुवनचंद्र मिश्रा आदि बढ़-चढ़ कर सहयोग करते हैं।