दिनांक 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कला केंद्र न्यास दिल्ली में डॉ विदुषी शर्मा के अंतर्राष्ट्रीय काव्य संकलन अखण्ड भारत :एक युगद्रष्टा तथा श्रीमती यति शर्मा के उपन्यास आधी रात की नींद का लोकार्पण एवं परिचर्चा तथा बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दो सत्रों का आयोजन हुआ जिनकी अध्यक्षता सदस्य सचिव,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र डॉ सच्चिदानंद जोशी ने की। डॉ यति शर्मा जी ने प्रभावशाली मंच संचालन किया।
डॉ विदुषी शर्मा ने विषय प्रवेश किया। विशेष अतिथि के तौर पर डॉ अशोक चक्रधर जी ने सपत्नीक प्रथम सत्र में भाग लिया और सभी सम्पादकों तथा रचनाकारों को शुभकामनाएं देते हुए साहित्य द्वारा भाषा के महत्व को बढ़ाने का संदेश दिया। डॉ सच्चिदानंद जोशी जी ने सभी लेखकों को बधाई देते हुए भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया।
प्रथम सत्र में वक्ता के रूप में डॉ मोतिया शर्मा,डॉ संतोष खन्ना,डॉ वंदना गोसाईं ने अपने विचार व्यक्त किए।डॉ संतोष खन्ना ने वर्तमान में भारतीय संस्कृति के लिए हिंदी भाषा को अपनाने पर जोर दिया।डॉ मोतिया शर्मा जी ने इस अवसर पर पंजाबी में कुछ कविताएं सुनाई।इस अवसर पर सभी कवियों व वक्ताओं का अभिनंदन किया गया।डॉ विदुषी शर्मा ने विशेष अतिथि डॉ अशोक चक्रधर और अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद जोशी सहित सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रथम सत्र के बाद जलपान की व्यवस्था की गई।
द्वितीय सत्र में डॉ मेधा सक्सेना ने सराहनीय मंच संचालन किया। बहुभाषीय कवि सम्मेलन में विभिन्न प्रदेशों से आए कवियों ने अपनी -अपनी भाषा में काव्य पाठ किया।अमित कुमार कौशल (भोजपुरी), सुजाता घाडी बेतकीकर (कोंकणी),डॉ आशुतोष (अवधी),डॉ सैयद कासिम अली (तेलगु), नीरज शर्मा (संस्कृत),विंग कमांडर डॉ नंदलाल जोतवानी (सिंधी) डॉ मधुबाला सिन्हा (मैथिली),श्रीमती माधुरी सोनी (गुजराती), डॉ दुर्गेशनंदिनी (तमिल), श्रीमती सपना सक्सेना दत्ता ‘सुहासिनी’ (मलयालम) तथा सैयदा खुशी अली ने अंग्रेजी भाषा में काव्य पाठ कर खूब प्रशंसा अर्जित की। पुस्तक की सह संपादक डॉ वंदना गोसाईं ने हिंदी भाषा को सहज सरल रूप में अपनाने पर बल दिया।
सत्र के अंत में डॉ विदुषी शर्मा ने अतिथियों,कवियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए दोनों सत्रों की व्यवस्था के लिये कला केंद्र की इवेंट मैनेजमेंट प्रभारी साफिया कबीर और सभी कर्मचारियों का विशेष आभार व्यक्त किया।दर्शकों ने पूरे कवि सम्मेलन को धैर्य,शांति के साथ आनन्द लेते हुए सुना।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।