Sunday, September 8, 2024
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सोनिया सोनम की ग़ज़ल

ख्वाहिशें देखूं कभी उसकी तमन्ना देखूं
इश्क़ में और भला उसके मैं क्या-क्या देखूं
ये भी क्या तुक है मुहब्बत में भुला दूँ खुद को
धूप में रह के किसी और का साया देखूं
प्यार में तेरे करूँ ज़िन्दगी कब तक बर्बाद
अपना घर फूँक के कब तक मैं उजाला देखूं
इश्क़ में जिसके लुटा बैठी हूँ अपना सब कुछ
मैं भला कैसे उसे आशिक़-ए-दुनिया देखूं
इल्तिजा नींद से हर रोज़ ये रहती है मेरी
आँख जब झपके तो मैं ख्वाब तुम्हारा देखूं
दिल मुहब्बत का तरफ़दार तो दुनिया का दिमाग़
ज़हन और दिल को कहाँ तक मैं उलझता देखूं
फिर भला मुझको किसी से कहाँ मतलब ‘सोनम’
भीड़ में रह के अगर खुद को अकेला देखूँ

सोनिया सोनम देवशील
पानीपत, हरियाणा
Mobile: +91 87083 51644
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