Sunday, September 8, 2024
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आभा दवे की कविता – करवट

बहुत  खूबसूरत  धरा  है ये
अंबर  को  छूती  हुई   लगे
चारों  दिशाएँ  लगती सुहानी
इसमें छुपी जन्मों की कहानी।
देती है जीवन, लेती है जीवन
कहती जग एक सुंदर उपवन
फूल और काँटे खिलते यहाँ पे
नैसर्गिक रूप से जुड़े सब नाते।
वक्त करवट बदलता रहता सदा
दिखाता रहता है अपनी ही अदा
चलती न किसी की चतुराई  यहाँ
इससे बचकर सब जाएँ अब कहाँ।
आभा दवे
मुंबई
संपर्क – [email protected]
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1 टिप्पणी

  1. अच्छी व सकारात्मक कविता है आपकी आभा जी!
    और आपकी कविता सी ही प्यारी आपकी मुस्कान भी है।
    बधाईआपको।

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