Sunday, September 8, 2024
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योग दिवस : डॉ. अवधेश तिवारी ‘भावुक’ की कविता

योग निरोगी काया देता,
प्राण वायु तन में भर देता,
जोश , उत्साह , उमंगें देकर
रोग, विकार सभी हर लेता।
सृजन करता, स्वस्थ समाज,
योग बढ़ाता काम औ’ काज,
निश्चित बेहतर होगा कल,
योग को यदि अपना लें आज।
सबको यह सन्देश सुनाओ,
योग के गुण, महिमा बतलाओ,
हमको यह वरदान मिला जो
औरों के संग खुद भी अपनाओ।
योग बनाये स्वस्थ औ’ सच्चा,
युवा बुजुर्ग संग में बच्चा,
मिलकर करते योग के आसन
हृष्ट – पुष्ट बन जायें अच्छा।
योग करे रोगों से त्राण,
योग से हो, सब का कल्याण,
स्वस्थ रखे, भावुक, तन-मन को
जनमानस में भर नव प्राण।
डॉ. अवधेश तिवारी “भावुक”
स्व रचित एवं मौलिक
चल भाष-9811309809
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1 टिप्पणी

  1. योग पर अच्छी कविता है इसमें कोई दो मत नहीं अवधेश जी! योग जीवन को स्वस्थ रखने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है। वैसे तो लोग ध्यान दे रहे हैं योग पर!

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