Tuesday, September 17, 2024
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स्वास्थ्य संसद – 2024 : अयोध्या में ऐतिहासिक आयोजन (एक रिपोर्ट)

विशेष रिपोर्ट – पुरवाई टीम द्वारा
स्वास्थ्य संसद – 2024 : रामनगरी में ऐतिहासिक आयोजन
  • स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) ने मनाया अपना नवां स्थापना दिवस
  • देश भर से जुटे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, चिकित्सक एवं पत्रकार
  • तीन दिनों तक स्वास्थ्य संसद में होती रही जन स्वास्थ्य की चर्चा
  • मिलेट्स (मोटे अनाज) अपनाने पर दिया गया जोर
  • मिट्टी के स्वास्थ्य को ठीक करने की है जरूरत
भारत में स्वास्थ्य एडवोकेसी की दृष्टि से स्वास्थ्य संसद-2024, अयोध्या का सफल आयोजन एक मिल का पत्थर साबित हुआ है। स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के 9वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद ने स्वास्थ्य के मूल विषयों को जनमानस तक ले जाने में महति भूमिका निभाई है। ‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा’ विषय को मूल थीम एवं ‘स्वास्थ्य, सेवा, सहकार एवं समाधान के 9 वर्ष’ को सूक्त वाक्य के रूप में अंगीकार कर इस स्वास्थ्य संसद ने अपने प्राथमिक प्रारूप में ही जता दिया था कि भारत के स्वास्थ्य विषय को भारत में, भारत की दृष्टि से, देखने, समझने व रेखांकित करने हेतु यह महाआयोजन किया जा रहा है। इस बात को इससे भी बल मिला कि इस आयोजन को देश के प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों में से एक आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य संसद-2024 को अपने यहां न सिर्फ करने की सहमति दी बल्कि इस आयोजन का साझेदार भी बना। स्वस्थ भारत एवं कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य संसद ने स्वास्थ्य के विविध आयामों पर जनता के बीच खुले मंच से संवाद करने का मौका दिया।
अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा विषय पर जहां पद्मश्री खादर वली, पूर्व राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ पत्रकार डॉ. आर.के. सिन्हा, आयुर्वेदाचार्य हितेश जानी, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बिजेन्द्र सिंह, अयोध्या के मेयर महंत गिरिशपति त्रिपाठी सहित तमाम विशेषज्ञों ने जो बाते कहीं वह प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है। इस अवसर पर स्वस्थ भारत स्मारिका का विमोचन भी किया गया। 112 पृष्ठ की इस स्मारिका में पद्मश्री रामबहादुर राय, गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, पद्मश्री खादर वली, पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा, युगवार्ता के संपादक संजीव कुमार, आरोग्य भारती के संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, प्रो. गिरिश्वर मिश्र, स्वस्थ भारत के न्यासी धीप्रज्ञ द्विवेदी, वरिष्ठ स्तंभकार अमित त्यागी सहित तमाम विषय विशेषज्ञों के आलेख एवं स्वस्थ भारत अभियान के 12 वर्ष व स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के 9 वर्षों के कार्यों का लेखा-जोखा प्रकाशित किया गया है।
उद्घाटन सत्र के बाद पहले तकनीकी सत्र ‘बुजुर्गो की सेहतः रोग, मनोविज्ञान व समाधान’ विषयक चर्चा में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संगठन सचिव गोलोक बिहारी राय, आध्यात्मिक गुरु प्रो. पवन सिन्हा, कैंसर एड सोसायटी के डीजी डॉ. ए.के. सिंह, वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक व स्वस्थ भारत के मार्गदर्शक डॉ. पंकज अग्रवाल, नैपकेम के सचिव डॉ. पीयूष गुप्ता व डॉ. सलेहा अग्रवाल ने इस सत्र में बुजुर्गो से जुड़ी हुई तमाम उलझनों को सुलझाने का काम किया। इस सत्र का संचालन डॉ. सलेहा अग्रवाल ने किया।
दूसरे दिन का पहला नीतिगत सत्र भी मूल विषय को समर्पित रहा। स्वास्थ्य संसद के उपसभापति व जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्यूनिकेशऩके निदेशक प्रो. (डॉ.) उपेन्द्र अयोध्या, आरोग्य भारती के संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, अंतरराष्ट्रीय विज्ञान लेखक संघ के अध्यक्ष व वरिष्ठ विज्ञान संचारक, डॉ. मनोज पटेरिया, रामायण केन्द्र भिपाल के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव, इंडियन कॉउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के सीनियर फेलो व सेंटर फॉर बेटर डेवेलपमेंट, उत्तर प्रदेश की सचिव डॉ. अल्का सिंह ने इस विषय को आगे बढ़ाया। इस सत्र का संचालन डॉ. राजेश कुमार मांझी ने किया।  इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद में आए हुए सभी लोगों ने अपना परिचय एवं स्वास्थ्य संसद व स्वास्थ्य को लेकर अपना अनुभव परिचय सह संवाद सत्र में साझा किया। दूसरे दिन नीतिगत सत्र-2 का विषय‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका’रखा गया था। इस सत्र को वरिष्ठ व्यंगकार व कार्यक्रम प्रस्तोता डॉ. अल्का अग्रवाल सिग्तिया ने मॉडरेट किया। इस सत्र में आइएफटीएम विश्वविद्यालय, मुरादाबाद में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार गौरव अवस्थी, युगवार्ता पत्रिका के संपादक संजीव कुमार, मेवाड़ विश्वविद्यालय, गाजियाबाद के निदेशक डॉ.शंशांक द्विवेदी, वरिष्ठ संचारक व  लेखक शिवेश प्रताप सिंह,  वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ व राष्ट्रीय हृदय संस्थान के निदेशक (अंतरराष्ट्रीय संबंध) डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी एवं विधान परिषद्, उत्तरप्रदेश के सदस्य व एसआर विश्वविद्यालय के चेयरमैन पवन सिंह चौहान ने भाग लिया और स्वास्थ्य एवं मीडिया विषयक चर्चा में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
दूसरे दिन का तीसरा सत्र खेती-किसानी व स्वास्थ्य को समर्पित रहा। ‘स्वस्थ खेती: स्वस्थ आहार, पोषण का आधार’विषयक इस सत्र में कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. संजय पाठक, माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. आलोक पांडेय, मृदा वैज्ञानिक डॉ. महेश सिंह, वन वैज्ञानिक डॉ. जगदीप पांडेय, पेस्टीसाइड विशेषज्ञ डॉ. उमेश, कृषि विशेषज्ञ डॉ. चन्द्रशेखर मिश्र एवं स्वास्थ्य संसद के उप सभापित डॉ. उपेन्द्र उपध्याय ने अपने विचार रखे। यह सत्र पूरे आयोजन में सबसे ज्यादा नवोन्मेषी एवं समाधानपरक रहा।
तीसरे दिन का पहला सत्र ‘स्वस्थ भारत के तीन आयामः जनऔषधि, पोषण और आयुष्मान’ विषय पर था। इस सत्र को पोषण एक्सपर्ट डॉ. अनन्या अवस्थी, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के डीजीएम कुंदन कुमार सिंह, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सीनियर कंसल्टेंट वीर भारती ने संबोधित किया जबकि अध्यक्षता पद्मश्री परम विदुषी विद्या बिन्दु सिंह ने किया। गौरतलब है कि स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के तहत चल रहे कैंपेनों में उपरोक्त तीनों बिन्दुओं पर विगत 12 वर्षों में सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। इस सत्र का संचालन निखिल आंनंद गिरि ने किया।
तीसरे दिन समापन सह सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा राज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डीन डॉ. महेश व्यास, स्वास्थ्य संसद के सभापति व आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिजेन्द्र सिंह एवं स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने इस सत्र को संबोधित किया। सम्मान समारोह में सुशीला नायर स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान, स्वस्थ भारत नारी शक्ति सम्मान, स्वस्थ भारत सारथी सम्मान, स्वस्थ भारत जनऔषधि मित्र सम्मान एवं स्वस्थ भारत उत्कृष्ट जेनरिक दवा निर्माता सम्मान प्रदान किए गए। इस समापन एवं सम्मान सत्र का संचालन निखिल आनंद गिरि ने किया।
इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद के पहले दिन उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम राम संध्या का आयोजन किया गया। वरिष्ठ तबलावादक रत्नेश मिश्रा व उनकी टीम ने शानदार आयोजन किया। वरिष्ठ क्लासिकल गायिका सुमीता दत्ता, सुचिता प्रभाकर, अनपूर्णा मिश्रा के गायन एवं दुर्गेश्वरी सिंह के नृत्य ने सांस्कृतिक संध्या को राममय कर दिया।
वही दूसरे दिन संध्‍या में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कवि सम्मेलन वरिष्ठ कवि आलोक ‘अविरल’ की अध्यक्षता में शुरु हुआ। इस कवि सम्मेलन में मनोज सिंह भावुक, अमित त्यागी, डॉ. वागीश सारस्वत, निखिल आनंद गिरि, अजय कुमार मिश्र, आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ. अलका अग्रवाल सिगतिया, डॉ. राजेश कुमार मांझी व डॉ. मिनाक्षी पांडेय ने काब्य पाठ किया। यह कवि सम्मेलन रात्रि के 11 बजे तक चलता रहा। निखिल आनंद गिरि की एक कविता पर सारा मंच रो पड़ा। अध्यक्ष आलोक अविरल, निखिल गिरि की आपबीती कविता पाठ के बाद अपने आप को रोक नहीं पाए और फफक-फफक कर रोने लगे, पूरे हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंस पसर गया। इस कवि सम्मेलन का संचालन अमित त्यागी ने किया।
जबकि तीसरे दिन युवा कलाकार अमित श्रीवास्तव ने ‘जटायु की सद्गति’ नाटिका का एकल मंचन किया। पांच मिनट के इस भव्य एवं दिव्‍य प्रस्तुति को देखकर स्वास्थ्य संसद के सभी प्रतिभागी दंग रह गए। पशु-पक्षियों से प्रेम करने का संदेश देते इस नाटिका को बहुत सराहा गया। इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन की जगह ‘जल भरो’ से हुआ। आचार्य नरेद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परंपरा रही है कि यहां पर जो भी आयोजन होता है उसका शुभारंभ कलश में जल डालकर किया जाता है। इस परंपरा का उद्देश्य प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठा कर जीने की शिक्षा देना है। जल भरो के बाद विश्वविद्यालय के पांच छात्राओं ने अपना कुलगीत गाया। उद्घाटन सत्र में मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया डॉ. खादर वली के वक्तव्य के पहले बुद्धिनाथ मिश्र द्वारा रचित मिलेट्स गीत का गायन प्रसिद्ध लोकगायिका मनीषा श्रीवास्तव ने किया। जबकि स्वागत उद्बोधन स्वस्थ भारत के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने दिया। उद्घाटन एवं सांस्कृतिक सत्र का संचालन मनोज सिंह भावुक ने किया।
साथ ही इस आयोजन की सफलता में जिन लोगों ने दिन रात मेहनत की उनमें मोहन चक्रवैश्य व अभिमन्यू सिंह, जबलपुर, चन्द्रशेखर सिंह, बिहार, निधि सिंह, लखनऊ, एवं वरिष्ठ कैमरा मैन व सामजिक कार्यकर्ता चन्द्रकांत शर्मा, गाजियाबाद का नाम उल्लेखनीय है। इस आयोजन को करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से 60 सदस्यीय आयोजन समिति बनाई गई थी। जिसकी नोडल अधिकारी डॉ. प्रतिभा सिंह थी। सभी के समन्विवत प्रयास से यह आयोजन न सिर्फ सार्थक रहा है, बल्कि भारत के स्वास्थ्य एडवोकेसी के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ने में भी सफल रहा है।
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स्वास्थ्य संसद-24 को मिला राष्ट्रपति मुर्मू सहित देश-दुनिया के नामचीन हस्तियों का शुभाशीष (बाक्स-2)
रामनगरी अयोध्या में 19-21 जुलाई तक चले स्वास्थ्य संसद-24 सफल आयोजन हेतु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संदेशा भेजकर अपना आशीर्वाद दिया है। इस आयोजन पर अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा है कि, विकसित और समृद्ध भारत के लिए आवश्यक है कि भारत के नागरिक स्वस्थ और समृद्ध हों। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि स्वस्थ भारत न्यास स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य निरंतर करता रहेगा।
साथ ही इस आयोजन को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी, उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जे.पी.एस.राठौर, पूर्व केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास व कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री कृष्णाराज, राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया, विधायक हरिप्रकाश वर्मा, इफको के उपाध्यक्ष बलबीर सिंह, वरिष्ठ प्रवासी लेखक तेजेन्द्र शर्मा जी सहित सैकड़ों हस्तियों के शुभकामना एवं मंगलकामना संदेश ने प्राप्त हुए है।
सम्मान समारोह (बॉक्स-2)
सुशीला नायर स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान से महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र, पटना, (संचालक, महावीर मंदिर न्यास समिति), विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी और बिहार योग विद्यालय, मुंगेर, बिहार को सम्मानित किया गया। स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान-2024 ( विशेष रेखांकन ) की श्रेणी में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या एवं श्री दीनबंधु नेत्र चकित्सालय, अयोध्या को सम्मानित किया गया। जबकि स्वस्थ भारत सारथी सम्मान- डॉ. वागीश सारस्वत, मुंबई, डॉ. नवनीत वर्मा, आइएफटीएम, विश्वविद्यालय, मुरादाबाद, डॉ. राजकिशोर, वरिष्ठ विज्ञान पत्रकार, अयोध्या, श्री सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, शिक्षाविद व सामाजिक कार्यकर्ता, डॉ. राजाराम त्रिपाठी, कृषक, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, श्री मनोज भावुक, प्रसिद्ध गीतकार व प्रस्तोता, श्री आशुतोष पांडेय, युवा पत्रकार, दिल्ली, श्री अमित राजपूत, युवा स्तंभकार, दिल्ली, श्री दीपेन्द्र वाजपेयी, सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षक, नरकटियागंज, बिहार, श्री पवन पांडेय, युवा पत्रकार, अयोध्या, श्री नितेश नागेश, सामाजिक कार्यकर्ता, भोपाल, डॉ. अतुल मोहन सिंह, संपादक, स्वदेश, लखनऊ, मधुप श्रीवास्तव, फिल्म निर्माता, मुंबई, राकेश कुमार, जनऔषधि संचालक, मुंगेर, बिहार, श्री तुषार बाथम, जीपीएम, अटमबर्ग टेक्नोलॉजी, पुणे, श्री भोलानाथ सिंह, स्वास्थ्य शिक्षण पुरोधा व वरिष्ठ शिक्षाविद, अयोध्या, श्री चंद्रशेखर मिश्र, काशी आर्गेनिक्स, वाराणसी एवं संजय स्वदेश, पूर्व एडिटोरियल हेड, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट, गोरखपुर को दिया गया।
जबकि पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार, जिया मंजरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष सनातनी युवा वाहिनी, दुर्गेश्वरी सिंह, सह संस्थापिका एवं संचालिका ज्ञानेश्वरी इंस्टिट्यूट टीचिंग एंड परफॉर्मिंग आर्ट, डॉ. अनन्या अवस्थी, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, डॉ. श्वेता सिंह, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता, सुचिता प्रभाकर, मैनेजिंग डायरेक्टर जी.एन.ओ.एम.ई. मैनेजमेंट सर्विस एलएलपी, रीना एन. सिंह, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, चित्रा त्यागी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्वेता राज सिंह, अधिवक्ता, इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच को स्वस्थ भारत नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया।
लोगों को सस्ती दवाइयां पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के तीन जनऔषधि केन्द्रों को स्वस्थ भारत जनऔषधि मित्र सम्मान दिया गया। यह सम्मान वित्तीय वर्ष 2023-24 में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले टॉप थ्री जनऔषधि संचालकों को दिया गया। जिसमें पहले स्थान पर विनय शुक्ला, लखनऊ, दूसरे स्थान पर प्रसन्ना श्रीवास्तव, देवरिया और तीसरे स्थान पर वारिस अल्ली, गोरखपुर रहे। सभी को मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा राज, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के डीजीएम कुंदन सिंह, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बिजेन्द्र सिंह, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के डीन डॉ. महेश व्यास और स्वस्थ भारत के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया।
देश में उत्कृष्ट जेनरिक दवा निर्माण करने एवं जेनरिक दवाइयों तक आम लोगों की पहुंच को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाने के लिए स्वस्थ भारत उत्कृष्ट जेनरिक मेडिसिन निर्माता सम्मान मस्कट हेल्थ सीरिज प्रा. लि. को दिया गया।
इसके साथ ही इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के उत्थान में लगे वैज्ञानिकों को भी विशेष रूप से मंच से सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य संसद की थीम पर विश्वविद्यालय में निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इसके विजेताओं को भी सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। विशाल पटेल, शुभंकर श्रीवास्तव, रिया सिंह, अश्वनी कुशवाहा एवं अनुष्का सिंह को निबंध प्रतियोगिता के लिए एवं पुष्पेन्द्र, शुभम कुमार एवं ओमप्रकाश गुर्जर को पोस्टर/चित्रकला प्रतियोगिता के लिए सम्मानित किया गया।
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1 टिप्पणी

  1. पूरी रिपोर्ट तो नहीं पढ़ी। इतना बारीक पढ़ना मुश्किल होता है। थोड़ी-थोड़ी ही नजर मारी।कवि सम्मेलन वाला अंश जरूर पढ़ा। उस कविता को पढ़ने की इच्छा है जिसको सुनकर पिन ड्रॉप साइलेंट छा गया था और मंच संचालक आलोक जी रो पड़े थे। भविष्य में इसका क्या लाभ होने वाला है यह तो ईश्वर ही जाने लेकिन फिलहाल तो डॉक्टर और दवाइयों की कंपनियाँ ही कमा रही हैं। इंसान चाहे जिये या मरे इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इलाज करने के लिए आयुष्मान योजनाएं हैं पर फिर भी डॉक्टरों ने कमाने का अपना तरीका निकाल लिया है।
    सारी योजनाएं सिर्फ नाम की रहती हैं ।कागज पर उतर जाती हैं। और उनपे काफी पैसा खर्च होता है लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं रहता।
    हमारी बुआ जी डॉक्टर थीं। वो भी शर्मा ही थीं। उनके पिताजी और हमारे पिताजी फ्रीडम फाइटर रहे। यही रिश्ता बहुत सगा था। पिताजी भाई थे। वह गांव था ,लेकिन जो गरीब लोग रहते थे उनसे वह पैसे न लेतीं। बल्कि दवा भी अपनी तरफ से देती थीं और वहाँ के जितने भी बड़े-बड़े रईस लोग थे उन सब से उनकी भरपाई कर लेतीं।
    बल्कि गरीबों के ठहरने के लिए और उनके खाने-पीने के लिए भी उन्होंने व्यवस्था करके रखी थी।गांव में वह अकेली एक लेडी डॉक्टर थीं और फूफा जी सरकारी अस्पताल में थे। बेबी इतना ही दयालु थे दर से आने वाले रोगियों को अपने घर में ही रख लेते थे। आज दिया लेकर ढूँढने से भी कोई एकाध डॉक्टर ऐसा मिले।
    जितना पढ़ा उतने से इतना ही समझ में आया।

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